भक्ति ,धर्म और ज्ञान
धरती एक मृत्युलोक है | जहाँ सभी को कभी न कभी मृत्यु को प्राप्त करना ही है | यहां कोई अमर नहीं है | यहां कोई अमर नहीं है | आजकल की दुनिया बहुत आधुनिक हो गयी है |इस समय धर्म से ज्यादा धन पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है | मैं मानता हूँ कि धन जरूरी है पर उसके साथ ईश्वर की भक्ति भी जरूरी है | आज कल धन के बिना जीना असंभव है और धर्म की तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है | मैं मानता हूँ कि आप धन साथ सिर्फ इस जन्म को सुधार सकते हैं पर भक्ति से आपका सभी जन्म सुधर जायेगा |
मैं ये नहीं कह रहा हूँ कि आप सिर्फ भक्ति ही कीजिये , पर ये भी उचित नहीं है कि आप ईश्वर से मुख मोड़ लीजिये | मैं ये कह रहा हूँ की आजकल धन को आप 80 % रखिये और भक्ति को २०% रखिये | जब कभी भी किसी मनुष्य को उसके आत्मा को आत्मज्ञान हो जायेगा तो उसे किसी चीज की जरूरत न होगी |
भक्ति ,धर्म और ज्ञान
" एक समय की बात है , एक बार एक आमिर व्यक्ति सन्मार्ग की चाह में रामकृष्ण परमहंस के पास गया और उनके बगल में बैठने लगा तो उनके शिष्यों ने उसे मना किया पर वो नहीं माना | उसने परमहंस जी से कहा की आपका नाम मैंने सुना हैं | मैंने सुना है कि आपको माँ काली दर्शन देती है , तो परमहंस ने कहा कि वह तो माता की कृपा है | तब आमिर आदमी ने कहा कि अबकी बार यदि आपको दर्शन दे तो उन्हें मेरे घर भेज दीजियेगा | यह परमहंस को आश्चर्य हुआ | उन्होंने उस व्यक्ति से कहा , ठीक है पर तुम अपना पता दो | तो उसने अपना घर का पता दिया | फिर परमहंस ने कहा कि यह तो तुम्हारे घर का पता है तुम्हारा पता कहा है ? तब आमिर व्यक्ति ने कहा कि यह लीजिये मेरे दुकान का पता यह बहुत प्रसिद्ध है | तब फिर परमहंस ने कहा कि यह तो तुम्हारे दुकान का पता है तुम्हारा पता कहा है ?इस बार वह व्यक्ति आश्चर्य में पर गया | तब परमहंस ने कहा कि तुम्हे अपना पता ही नहीं है तो तुम माँ काली से कैसे मिल सकते हो ?तब जाकर उस व्यक्ति को अपने अस्तित्व का पता चला और वह परमहंस का शिष्य बन गया | "
भक्ति ,धर्म और ज्ञान
nice
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